"""""""""""""""""""""""""""""""""""" भले ही कुछ समुदाय या धार्मिक लोग हमें कमतर मानते हैं, लेकिन 'नाथ-योगी' सबसे अच्छी कौम हैं और योगी समुदाय के रूप में हम दुनिया की सबसे बड़ी जाति हैं! महापुरुष शंकर देव स्वयं डेका गिरी वंश के योगी और महान शिव भक्त थे और उन्होंने स्वयं नाथगुरु गोपीनाथ का शिष्यत्व ग्रहण किया और नव-वैष्णव धर्म का पालन करने असम आए थे। एक शरण नाम-धर्म ही विश्व की उत्पत्ति है या सच्चा सनातनी नाथ-धर्म है। धोना, कथा, नागारा, डोबा, तम्बरू, खुमजुरी आदि। योगी समाज का योगदान है गुरु ने कुछ भक्ति गीत, प्रार्थना आदि जोड़े हैं। लाखों वर्ष पूर्व से योगी समाज में अपने सृजन में। गुरु के निर्देश पर मथुरा नाथ बुद्ध "सांकरी पग" के रूप में जीते ! सम्मानित 'बृन्दाबानी वस्त्र', पट-मुगा वस्त्र आदि असमिया समाज में पुत्र नाथ-योगियों की रचना है। हमें भी 'खर खाने वाला असमिया' कहते