माँ शाकम्भरी देवी सिद्धपीठ सहारनपुर
माँ शाकम्भरी देवी सिद्धपीठ सहारनपुर
माँ शाकम्भरी देवी सिद्धपीठ देश का एकमात्र ऐसा शक्तिपीठ है जहाँ चार माताएँ एक साथ विराजमान है।
वैष्णो देवी मे तीन, ज्वालामुखी मे नौ, नैना देवी मे दो, कांगड़ा मंदिर मे तीन, मनसा देवी मे तीन, चामुण्डा देवी मे एक, चिंतपूर्णी मे एक, कालिका देवी मे माता का एक स्वरूप प्रकट हैं। नौ देवियों की यात्रा मे माँ शाकम्भरी देवी की यात्रा बिना यात्रा अपूर्ण मानी जाती है। भीमा देवी, भ्रामरी देवी, शताक्षी देवी और शाकम्भरी देवी इन चारों के स्वरूप और वैभव का अपार वर्णन दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय और मूर्ति रहस्य मे मिलता है। यह देवी शताक्षी का सिद्ध स्थान है और शायद पूरे भारतवर्ष मे माता शताक्षी का इकलौता सिद्ध स्थान क्योंकि किसी अन्य सिद्धपीठ मे माता शताक्षी की प्रतिमा मौजूद नही है। इस परम दुर्लभ तीर्थ की देवी शताक्षी माता राजा हरिश्चन्द्र की कुलदेवी है जिसकी विस्तृत कथा श्रीमद् देवी भागवत मे मिलती है। यद्यपि यहाँ माता के चार विग्रह प्रकट हैं किंतु पीठ मुख्य रूप से शाकम्भरी माता का ही है ।मंदिर के गर्भगृह के बिलकुल मध्य मे लगभग 4-5 फुट ऊंची माता शाकम्भरी देवी की विशाल प्रतिमा है जिसके दायें भीमा, भ्रांबरी और बायें शताक्षी माता विराजमान है साथ ही बाल गणेश जी भी प्रकट हैं
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